Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2016 08:24 PM

जो घाव तुुम्ने दिया था वो घाव ज़िंदा है
अभी हँसो न मेरी जान राव ज़िंदा है

तुम्हारी दिल से वही खेलने की आदत है
हमारा अपना वही रख रखाव ज़िंदा है

जिंदा शायरी …

नज़ीर नज़र

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
Loading...