आहा मेरे भाई
फक़ीरी मैं फकीराना कोई अपना ना बेगाना उलझयेगा नही हमसे कि हम कश्कोल वाले हैं बड़ा ही मुनफ़रिद शे’र ………. जिंदाबाद
नज़ीर नज़र
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आहा मेरे भाई
फक़ीरी मैं फकीराना कोई अपना ना बेगाना
उलझयेगा नही हमसे कि हम कश्कोल वाले हैं
बड़ा ही मुनफ़रिद शे’र ……….
जिंदाबाद
नज़ीर नज़र