Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

मोहब्बत नजर से ज्यादा दिमाग का दोखे है ,
लगता है कि मर जाएंगे
लगता है कि कुछ कर जाएंगे
पर जो होना है
वो सब हौले हौले होता है
मोहब्बत नजर से ज्यादा दिमाग का दोखा है ,
जो चाहता है जाना
उसे जाने दो
इंद्रियों को रोक लो
और उसे जाने दो
आँखों से कहदो
ये सब तो मजाक था
क्योकि ये मौसम का मौका है
विकल्प मरहम है
जीवन का हमदम है
रास्ते भटक जाए तो क्या
दूसरी राह पकड़
लक्ष्य पाने का तरीका है
मोहब्बत नजरों से ज्यादा दिमाग का दोखा है …
जिंदगी उसकी है
उसे आजाद करो
पिंजरें में रखकर उससे
मोहब्बत की ना फरियाद करो
क्योकि हम सब को
अलग होना ही है
कोई आज तो कोई कल
का क्या भरोसा है….

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
21 Dec 2020 07:27 PM

बहुत खूब

Loading...