धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, आपने वर्तमान परिवेश को परिभाषित करने में वह सब कुछ कह दिया जिसने जन सरोकारों को नेपथ्य में धकेल दिया है, और वहां से निकाल कर लाने के लिए किसी दूसरे जन नायक की आवश्यकता है, जो अभी अपनी सक्रियता को सामने लाने में समय की प्रतिक्षा कर रहा है शायद?
धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, आपने वर्तमान परिवेश को परिभाषित करने में वह सब कुछ कह दिया जिसने जन सरोकारों को नेपथ्य में धकेल दिया है, और वहां से निकाल कर लाने के लिए किसी दूसरे जन नायक की आवश्यकता है, जो अभी अपनी सक्रियता को सामने लाने में समय की प्रतिक्षा कर रहा है शायद?