बहुत ही उम्दा, आपकी लघुकथा मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यास गोदान की याद दिलाती है.. मान्यवर आपके आशीर्वाद का अभिलाषी. धन्यवाद
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बहुत ही उम्दा, आपकी लघुकथा मुंशी प्रेमचंद जी के उपन्यास गोदान की याद दिलाती है..
मान्यवर आपके आशीर्वाद का अभिलाषी. धन्यवाद