वाह्ह्ह शायरा जी क्या बात है ??
लिख-लिख कर दिल की बात ,गम के साये हटाते हैं है कितनी मोहब्बत तुमसे, हर बार ये जताते हैं हमने तो बस इक तुम्हे ही ,अपना माना है ‘देव’ और आप हैं कि, अब भी हमें गैर बताते हैं
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वाह्ह्ह शायरा जी
क्या बात है ??
लिख-लिख कर दिल की बात ,गम के साये हटाते हैं
है कितनी मोहब्बत तुमसे, हर बार ये जताते हैं
हमने तो बस इक तुम्हे ही ,अपना माना है ‘देव’
और आप हैं कि, अब भी हमें गैर बताते हैं