गुरुदेव आपको पढ़ना ही मैं सदैव खुद का सौभाग्य मानता रहा, परन्तु आज खुद की रचना पर आप से मिली प्रतिक्रिया मेरे साहित्यिक जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि है। कोटि कोटि नमन आपको
गुरुदेव आपको पढ़ना ही मैं सदैव खुद का सौभाग्य मानता रहा, परन्तु आज खुद की रचना पर आप से मिली प्रतिक्रिया मेरे साहित्यिक जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि है। कोटि कोटि नमन आपको