विभीषिका से वातावरण में निर्मित निराशा एवं किंकर्तव्यविमूढ़ परिस्थितिजन्य असहाय भाव से उबरने एवं आत्मविश्वास जागृत कर जनसाधारण में संघर्ष करने का उत्साह संचरित करने का प्रयास किया है।
त्रासदी से उत्पन्न यथार्थ में नैराश्य भाव अवश्य परिलक्षित होता है , परंतु संकट से निपटने हेतु संघर्ष करने की संकल्पित भावना जनसाधारण में प्रेरित करना भी आवश्यक है।
विभीषिका से वातावरण में निर्मित निराशा एवं किंकर्तव्यविमूढ़ परिस्थितिजन्य असहाय भाव से उबरने एवं आत्मविश्वास जागृत कर जनसाधारण में संघर्ष करने का उत्साह संचरित करने का प्रयास किया है।
त्रासदी से उत्पन्न यथार्थ में नैराश्य भाव अवश्य परिलक्षित होता है , परंतु संकट से निपटने हेतु संघर्ष करने की संकल्पित भावना जनसाधारण में प्रेरित करना भी आवश्यक है।
धन्यवाद !