संजीव शुक्ल 'सचिन'
Author
14 Dec 2020 10:07 PM
गुरुदेव आपको पढ़ना ही मैं सदैव खुद का सौभाग्य मानता रहा, परन्तु आज खुद की रचना पर आप से मिली प्रतिक्रिया मेरे साहित्यिक जीवन की सर्वोच्च उपलब्धि है। कोटि कोटि नमन आपको
वाह वाह क्या कहने ।