Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

हसरत नहीं आलीशान महलों की,
आरज़ू है इक छोटे से आशियाने की,
जो दो दिलों के ऩूर से रोश़न रहे,
जहां दो दिलों का प्यार पले ,
जिंदादिली से ये ज़िंदगानी कटे ,
रहते दम तक, एक दूजे के लिए ए़़हसास ज़िंदा रहे,
फ़ना होने पर ऱूहें यकसाँ हों , ख़ुदा भी जुदा ना कर पाए ,

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

बहुत उम्दा

Loading...