धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, जीवन में कभी ऐसे पल आते हैं जब ना चाहते हुए भी यह करना मजबूरी बन जाती है! किन्तु किसी के अहित में ऐसा किया जाना अपराध जैसा है। सादर प्रणाम।
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धन्यवाद श्रीमान श्याम सुंदर जी, जीवन में कभी ऐसे पल आते हैं जब ना चाहते हुए भी यह करना मजबूरी बन जाती है! किन्तु किसी के अहित में ऐसा किया जाना अपराध जैसा है।
सादर प्रणाम।