Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Oct 2020 04:44 PM

बन्धु, जो कुछ भी यहां आपने साझा किया है वह अकल्पनीय है, किन्तु आपने उसे स्वंय जिया है तो इस परिघटना के लिए जितना कुछ उस विलक्षण व्यक्तित्व ने किया है वह किसी भी प्रकार की प्रसंशा का मोहताज नहीं, वह तो अद्भुत है जो स्वयं किसी पारलौकिक शक्ति का प्रतिरूप है, और तुम्हारे प्रारब्धों का फल, शायद इसी लिए कहा गया है नेकी कर दरिया में डाल!
परिणाम कुछ ऐसा ही मिलेगा! अब जिम्मेदारी तुम्हारी है, जरूरत मंद की मदद के लिए राह प्रतिक्षारत्त है, शुभकामनाओं सहित आशीष!

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
22 Oct 2020 09:24 AM

धन्यवाद मान्यवर, सादर प्रणाम!

Loading...