Neelam Chaudhary
Author
29 Dec 2020 06:20 PM
आप मेरे कहने का भाव नहीं समझे आदरणीय जी पहली लाइन को दूसरी लाइन के सन्दर्भ में पढ़िए निश्चित ही मेरे कहने का भाव आपको स्पष्ट हो जाएगा ?
भीड़ का कोई मकसद नहीं होता।
सिर्फ भीड़ खड़ी कर देने से कोई मकसद हल नहीं होता।
भीड़ की सोच में कुत्सित मंतव्य होते हैं।
जिसके छद्म में छिपे चेहरे होते हैं।
धन्यवाद !