महलों की ख़्वाहिश लिए जीते हैं जो लोग, हक़ीक़त में उनके आश़ियाने बिखरे हैं
श़ुक्रिया !
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महलों की ख़्वाहिश लिए जीते हैं जो लोग,
हक़ीक़त में उनके आश़ियाने बिखरे हैं
श़ुक्रिया !