Rekha Drolia
Author
4 Oct 2020 11:36 AM
अति सुंदर सशक्त सटीक रचना
सहृदय आभार
सत्य को व्यक्त करने के लिए साहस आवश्यक होता है।
अव्यक्त सत्य पर असत्य हावी होता है।
परिस्थितिजन्य अव्यक्त सत्य विवशता का द्योतक होता है।
पाप की पराकाष्ठा पर सत्य का अस्तित्व प्रभावहीन तुच्छ होता है।
निर्भीक आत्मविश्वास से सत्य मुखर होता है।
निरंकुश पाप के समक्ष सत्य मूक दर्शक होता है।
धन्यवाद !