Mugdha shiddharth
Author
15 Oct 2020 12:41 AM
सच … ?
सच … ?
दर्द के रूप में तुम्हारा मेरे हृदय में वास है ,
यही मेरी काया का स्पंदन , अस्तित्व का उच्छवास है,
जब तक मैं उऋण न हो जाऊँ ,
जगत से कैसे आत्म मुक्ति पाऊँँ ,
धन्यवाद !