Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

दिल में जब उल्फ़त का फूल खिला हो ,
तो ये ज़िंदगी खुश़नुमा गुलशन -ए- बहार लगती है ,
ग़र नफ़रत का ज़हर घुल जाए ,
तो ग़म से भरी खिज़ां -ओ – ख़ार लगती है ,

श़ुक्रिया !

You must be logged in to post comments.

Login Create Account
6 Oct 2020 01:42 PM

बहुत खूब…हृदय से आभार ?

Loading...