Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings

धन्यवाद । मारवाड़ी थोड़ी बहुत ही आती है, हर भाषा का हास्य व्यंग जरा अलग रंग लिए होता, इसलिए उस भाषा में कुछ अंश लिखें है, उनके बगैर वो मजा नहीं मिलता

Loading...