आपके लेख से स्पष्ट नहीं है कि आप क्या प्रस्तुत करना चाहते हैं ।इस समस्या का समाधान खोजने के स्थान पर संतानहीन युगल पर व्यंगात्मक प्रस्तुति कर रहे हैं।
आज विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली है। अब तो शहरों में कृत्रिम गर्भाधान पद्धति I V F ( ln vitro fertilization) से संतानहीन युगल गर्भधारण कर स्वस्थ बच्चे पैदा कर सकते हैं। जिसके लिए विशेष क्लीनिक एवं विशेषज्ञों द्वारा परामर्श व्यवस्था उपलब्ध है। जिनके उत्साहजनक परिणाम हैं।
संतान का ना होना स्त्री या पुरुष में प्रजनन क्षमता की कमी या अनुवांशिक विकृति कारण हो सकते हैं। अब तो बांझ स्त्रियों में जिनमें गर्भाशय विकृति होती है उनके गर्भधारण के लिए अपना गर्भाशय दान करने या धन के बदले प्रदान करने के लिए जच्चा मां उपलब्ध है। अतः संतान हीन होना अब उतना बड़ा अभिशाप नहीं रह गया है। और उन्नत कृत्रिम गर्भधारण वैज्ञानिक तरीकों से संतान की उत्पत्ति आधुनिक युग में संभव हो सकी है।
जिसने संतानहीन युगलों में एक नई चेतना का संचार किया है।
आपके लेख से स्पष्ट नहीं है कि आप क्या प्रस्तुत करना चाहते हैं ।इस समस्या का समाधान खोजने के स्थान पर संतानहीन युगल पर व्यंगात्मक प्रस्तुति कर रहे हैं।
आज विज्ञान ने बहुत उन्नति कर ली है। अब तो शहरों में कृत्रिम गर्भाधान पद्धति I V F ( ln vitro fertilization) से संतानहीन युगल गर्भधारण कर स्वस्थ बच्चे पैदा कर सकते हैं। जिसके लिए विशेष क्लीनिक एवं विशेषज्ञों द्वारा परामर्श व्यवस्था उपलब्ध है। जिनके उत्साहजनक परिणाम हैं।
संतान का ना होना स्त्री या पुरुष में प्रजनन क्षमता की कमी या अनुवांशिक विकृति कारण हो सकते हैं। अब तो बांझ स्त्रियों में जिनमें गर्भाशय विकृति होती है उनके गर्भधारण के लिए अपना गर्भाशय दान करने या धन के बदले प्रदान करने के लिए जच्चा मां उपलब्ध है। अतः संतान हीन होना अब उतना बड़ा अभिशाप नहीं रह गया है। और उन्नत कृत्रिम गर्भधारण वैज्ञानिक तरीकों से संतान की उत्पत्ति आधुनिक युग में संभव हो सकी है।
जिसने संतानहीन युगलों में एक नई चेतना का संचार किया है।
धन्यवाद !