देश एक गंभीर स्थिति से गुजर रहा है। हमें दूसरे देशों की देखा देखी ना करते हुए अपने देश की परिस्थिति को समझते हुए समय रहते इस त्रासदी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने पड़ेंगे तभी देश की स्थिति में सुधार आ सकता है। अन्यथा देश की स्थिति बद से बदतर होने की संभावना है।
हमें किसी चमत्कार के भरोसे बैठे रहने से कुछ भी हासिल ना होगा। सर्वप्रथम हमें लोगों के दिमाग से इस कोरोना रूपी भय को निकालना होगा और जनता में आत्मविश्वास का संचार करना होगा कि हम इस त्रासदी से भली-भांति निपट सकते हैं। हमें असामान्य जीवन को सामान्य बनाने की कोशिश करना होगा।
लोगों में मजबूरी का फायदा उठाने की बजाय सहकार की भावना विकसित करना होगा। देश में फैले धर्मांधता ,जातीय एवं सांप्रदायिक भेदभाव को समाप्त करने प्रयत्न करने पड़ेंगे । प्रसार माध्यम एवं सोशल मीडिया को जनता में अफवाहों एवं गलत जानकारी के प्रसारण से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
जनता में सद्भावना एवं सहअस्तित्व की भावना का संचार करना होगा। तभी वर्तमान स्थिति में सुधार की संभावना हैं।
वर्तमान कटु यथार्थ की सुंदर प्रस्तुति।
देश एक गंभीर स्थिति से गुजर रहा है। हमें दूसरे देशों की देखा देखी ना करते हुए अपने देश की परिस्थिति को समझते हुए समय रहते इस त्रासदी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए उचित कदम उठाने पड़ेंगे तभी देश की स्थिति में सुधार आ सकता है। अन्यथा देश की स्थिति बद से बदतर होने की संभावना है।
हमें किसी चमत्कार के भरोसे बैठे रहने से कुछ भी हासिल ना होगा। सर्वप्रथम हमें लोगों के दिमाग से इस कोरोना रूपी भय को निकालना होगा और जनता में आत्मविश्वास का संचार करना होगा कि हम इस त्रासदी से भली-भांति निपट सकते हैं। हमें असामान्य जीवन को सामान्य बनाने की कोशिश करना होगा।
लोगों में मजबूरी का फायदा उठाने की बजाय सहकार की भावना विकसित करना होगा। देश में फैले धर्मांधता ,जातीय एवं सांप्रदायिक भेदभाव को समाप्त करने प्रयत्न करने पड़ेंगे । प्रसार माध्यम एवं सोशल मीडिया को जनता में अफवाहों एवं गलत जानकारी के प्रसारण से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे।
जनता में सद्भावना एवं सहअस्तित्व की भावना का संचार करना होगा। तभी वर्तमान स्थिति में सुधार की संभावना हैं।
धन्यवाद !