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वीर शहीद मनीष जी को मेरे हार्दिक श्रद्धा सुमन अर्पित हैं।
हमें यह प्रण करना है अमर शहीद मनीष जी का बलिदान व्यर्थ जाने पाए और कोई भी आतंकी शक्ति हमारे देश के विरुद्ध आंख उठा न पाए। हमें जन-जन में देश की अखंडता एवं स्वतंत्रता के लिए समर्पण का भाव प्रेरित करना होगा। हमें किसी भी विदेशी शक्तियों के प्रभाव से दूर रहकर अपने अस्तित्व की रक्षा करने के लिए सदैव तत्पर रहना पड़ेगा। हमारे अंतरराष्ट्रीय सौहार्द्र एवं सहिष्णुता को कोई भी देश कायरता मानने की गलती ना करें। हमें यह समस्त राष्ट्रों को यह बता देना होगा कि हम स्वयं अपनी रक्षा के लिए सक्षम और आत्म निर्भर हैं।
यदि वार्ताओं से शांति स्थापित नहीं होती तो हम आर पार की लड़ाई करके भी शांति स्थापित कर सकते हैं।
यह हमें बतला देने की आवश्यकता है।

धन्यवाद !

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