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8 Aug 2020 11:02 AM

बारिश की धीमी धीमी फुहार सी है कविताए
लगातार इतना सृजन सचमुच एक उपलब्धि है।
अकल्पनीय सी है कल्पना की उड़ान अथवा यथार्थ की भावुक अनुभूति है। अपने बारे में थोड़ा और लिखे ताकि काव्य के मर्म को आत्मसात करने मे सुविधा हो
बहुत बहुत बधाई
सादर अभिनंदन

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4 Oct 2021 04:09 PM

मैं कौन हूं क्या हूॅं शब्दों से मेरा क्या रिश्ता है वो क्यूं मुझमें से लोबान सा रीसता है । सच मुझे नहीं पता सच मुच

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