आपकी सोच से पूर्णतः सहमत हूं कि किताबें ज्ञान का असीम भंडार है। किताबों के अध्ययन से हमारे सोच को एक नई दिशा मिलती है। किताबें हमारी सकारात्मक सोच एवं प्रज्ञा शक्ति का विकास करती है। मानवीय संवदनाओं से युक्त हमारे चरित्र का निर्माण करने में सहायक सिद्ध होती है। मेरे जीवन में भी जीवन दर्शन को समझने में किताबों का बहुत बड़ा हाथ है। किताबें आत्म चिंतन एवं विचारों के मंथन को प्रेरित करती हैं।
जिनसे हमारी सोच परिष्कृत होती है और हमारे जीवन को समझने के लिए व्यवहारिक ज्ञान से हमको पोषित करती है। किताबें हमें हमारे व्यक्तिगत सोच का विकास कर हमें भीड़ की मनोवृत्ति से संक्रमित होने से बचाती हैं। यह आवश्यक है कि हम ज्ञान एवं जीवन दर्शन को समझने के लिए उचित पुस्तकों का चयन करें और हमारी रुचि को बहुमुखी आयाम दे।
जिसके फलस्वरूप हमारे ज्ञान एवं प्रज्ञा शक्ति का समुचित विकास हो सके।
एक ज्वलंत विषय पर प्रस्तुति का हार्दिक स्वागत है।
अति सुंदर सारगर्भित प्रस्तुति !
आपकी सोच से पूर्णतः सहमत हूं कि किताबें ज्ञान का असीम भंडार है। किताबों के अध्ययन से हमारे सोच को एक नई दिशा मिलती है। किताबें हमारी सकारात्मक सोच एवं प्रज्ञा शक्ति का विकास करती है। मानवीय संवदनाओं से युक्त हमारे चरित्र का निर्माण करने में सहायक सिद्ध होती है। मेरे जीवन में भी जीवन दर्शन को समझने में किताबों का बहुत बड़ा हाथ है। किताबें आत्म चिंतन एवं विचारों के मंथन को प्रेरित करती हैं।
जिनसे हमारी सोच परिष्कृत होती है और हमारे जीवन को समझने के लिए व्यवहारिक ज्ञान से हमको पोषित करती है। किताबें हमें हमारे व्यक्तिगत सोच का विकास कर हमें भीड़ की मनोवृत्ति से संक्रमित होने से बचाती हैं। यह आवश्यक है कि हम ज्ञान एवं जीवन दर्शन को समझने के लिए उचित पुस्तकों का चयन करें और हमारी रुचि को बहुमुखी आयाम दे।
जिसके फलस्वरूप हमारे ज्ञान एवं प्रज्ञा शक्ति का समुचित विकास हो सके।
एक ज्वलंत विषय पर प्रस्तुति का हार्दिक स्वागत है।
धन्यवाद !