आस का सूरज साथ रहेगा जब सांसो की राहों में। ग़म के अंधेरे छंट जाएंगे मंज़िल होगी बांहों में।
श़ुक्रिया !
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आस का सूरज साथ रहेगा जब सांसो की राहों में।
ग़म के अंधेरे छंट जाएंगे मंज़िल होगी बांहों में।
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