Sudhir srivastava
Author
3 Aug 2020 07:31 PM
जी आदरणीय, सत्य यही है
दरअसल हमारे देश में लोगों की मानसिकता विभिन्न कारकों द्वारा प्रभावित है। धर्मांधता ,रूढ़िवादी परंपरा एवं पुरातन घिसे पीटे सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्य ,अंधविश्वास एवं कपोल कल्पित भावनाओं को बढ़ावा देते हैं। लोगों में अज्ञान एवं शिक्षा की कमी के कारण से भी इस प्रकार की भ्रामक प्रवृत्तियों को बढ़ावा मिलता है। जिसको एक वर्ग विशेष अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए करता है।
जब तक देश की सामाजिक व्यवस्था के अंतर्गत जनसाधारण की मानसिकता में परिवर्तन नहीं होता तब तक इस प्रकार के अंधविश्वास युक्त प्रवृत्तियों को समाप्त नहीं किया जा सकता है ।
धन्यवाद !