निस्संदेह प्रियंका जी,होना तो यही चाहिए था, लेकिन अब तो पढे लिखे ही,अर्थ का अनर्थ करने पर उतारू हैं, गल्ती के क्षमा चाहूंगा।
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निस्संदेह प्रियंका जी,होना तो यही चाहिए था, लेकिन अब तो पढे लिखे ही,अर्थ का अनर्थ करने पर उतारू हैं, गल्ती के क्षमा चाहूंगा।