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बीती यादों की गमे दास्तां को दफ़न करके ,
चलो मस़र्रत भरी नई ज़िंदगी का आग़ाज़ करते हैं।
कल के ग़मों को भुलाकर , नई खुशियों के आसमाँँ में परवाज़ करते हैं।

श़ुक्रिया !

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29 Jul 2020 10:13 PM

श़ुक्रिया

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