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टूटे हुए ख्व़ाबों ने हमको ये सिखाया है।
दिल ने जिसे पाया था आंखों ने गवांंया है।
हम ढूंढते हैं जिनको वो मिलके भी नहीं मिलते।
रूठे हैं ना जाने क्यों मेंंहमाँँ वो मेरे दिल के।
क्या अपनी तम़न्ना थी क्या सामने आया है।
दिल ने जिसे पाया था आंखों ने गवांंया है।

श़ुक्रिया !

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Bahut hi sundar sriman
Margdarshan ke liye aabhar

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