Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Comments on इक्यावन रोमांटिक ग़ज़लें
In reply to
Shyam Sundar Subramanian
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Author
21 Jul 2020 09:29 AM
View Comment
चाहने वालों के लिए ही सृजन है। रहती दुनिया तक हमारे चाहने वाले बने रहे! शुक्रिया shyam ji!
Like
|
Reply
Loading...
चाहने वालों के लिए ही सृजन है। रहती दुनिया तक हमारे चाहने वाले बने रहे! शुक्रिया shyam ji!