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हैवानियत जब हद से पार हो गई।
इंसानिय़त स़िस़कती तार-तार हो गई।
हर सर श़र्म से झुक गया।
हर ज़िंदगी त़ाउम्र के लिए शर्म़सार हो गई।

श़ुक्रिया !

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20 Jul 2020 12:51 PM

Waah…

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