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उनकी आंखों से झलकती मय़ जो पीआज तक बहक रहे हैं।
बेखुदी का आलम न पूछो ना जाने क्या क्या कर रहे हैं।
भीड़ में भी तनहा रहते हैं और अकेले में खुद से बातें कर रहे हैं।

श़ुक्रिया !

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17 Jul 2020 10:05 PM

वाह वाह श्रीमान

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