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आज जाने की जिद ना करो।
यूं ही पहलू में बैठे रहो।
आज जाने की जिद ना करो।
तुम ही सोचो जरा क्यों ना रोकेंं तुम्हें।
जान जाती है जब उठ के जाते हो तुम।
तुमको मेरी कसम जाने जाँँ।
बात इतनी जरा मान लो।
आज जाने की जिद ना करो।
वक्त की कैद में जिंदगी है मगर।
चंद घड़ियां यहींं है जो आजाद हैं।
इनको खोकर न तुम जाने जाँँ।
उम्र भर ना तरसते रहो ।
आज जाने की ज़िद ना करो।
कितना रंगी ये समाँँ आज की रात है।
हुस्न और इश्क की आज मेराज है।
रोक लो आज की रात को।
आज जाने की जिद ना करो।

श़ुक्रिया !

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vasu Author
14 Jul 2020 10:24 AM

बहुत खूब सर ।

आपका शुक्रिया ?

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