अवश्य, हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है, देश का गौरव है, देश में हिन्दी का सर्वश्रेष्ठ स्थान होना चाहिए ।किन्तु आज भी भले ही अंग्रेज भारत छोड़ा किन्तु अंग्रेजी हर के जिह्वा पर अपना अधिकार बनाए हुए है, भारतीय भाषा अपने ही घर में लगभग शरणार्थी की भांति हैं समर्थसमाज में अंग्रेजी के सामने हिन्दी पूर्णरूपेण उपेक्षित ही हैं।
आप की कहानी की पात्रा ही क्या बहुत ऐसे लोग हैं जो अंग्रेजी हीन होने के कारण उचित स्थान प्राप्त करने में असमर्थ हैं ।
अवश्य, हिन्दी हमारी राष्ट्रीय भाषा है, देश का गौरव है, देश में हिन्दी का सर्वश्रेष्ठ स्थान होना चाहिए ।किन्तु आज भी भले ही अंग्रेज भारत छोड़ा किन्तु अंग्रेजी हर के जिह्वा पर अपना अधिकार बनाए हुए है, भारतीय भाषा अपने ही घर में लगभग शरणार्थी की भांति हैं समर्थसमाज में अंग्रेजी के सामने हिन्दी पूर्णरूपेण उपेक्षित ही हैं।
आप की कहानी की पात्रा ही क्या बहुत ऐसे लोग हैं जो अंग्रेजी हीन होने के कारण उचित स्थान प्राप्त करने में असमर्थ हैं ।
धन्यवाद!