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12 Jul 2020 09:59 PM

आपने अपने प्रोफाइल पर अपना परिचय लिखा है-‘‘कवयित्री हूं या नहीं, नहीं जानती पर लिखती हूं जो मन में आता है !!’’
लेकिन हम कहते हैं-‘‘आप कवयित्री हैं और आपकी कविताएं हर किसी प्रगतिशील विचारधारा और समता, स्वंत्रता, बंधुता व न्याय जैसी बुनियादी मानवीय मूल्यों के पक्षधर पाठकों/ रचनकारों को अच्छी लगती हैं और लगेंगी.’’

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इतनी क़ाबिल नही हूँ, आप मेरी रचनाओं की इतनी प्रशंसा करते हैं, बहुत बहुत आभार???

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