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तू न थक , तू न रुक, तू न मुड़।
अपने स्वेद , रक्त से कर प्रशस्त अपना पथ।
अग्निपथ ,अग्निपथ, अग्निपथ।

धन्यवाद !

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12 Jul 2020 03:33 PM

आपको प्रणाम।।

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