ये चांद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा।
ये झील सी नीली आंखें कोई राज है इनमें गहरा।
तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया।
इक चीज कयामत भी है लोगों से सुना करते थे।
तुम्हें देखकर मैंने माना वो ठीक कहा करते थे।
तू बलखाती एक नदिया हर मौज तेरी अंगड़ाई।
जो इन मौजों में डूबा उसने ही दुनिया पाई।
तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया।
ये चांद सा रोशन चेहरा जुल्फों का रंग सुनहरा।
ये झील सी नीली आंखें कोई राज है इनमें गहरा।
तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया।
इक चीज कयामत भी है लोगों से सुना करते थे।
तुम्हें देखकर मैंने माना वो ठीक कहा करते थे।
तू बलखाती एक नदिया हर मौज तेरी अंगड़ाई।
जो इन मौजों में डूबा उसने ही दुनिया पाई।
तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुम्हें बनाया।
श़ुक्रिया !