Umesh Kumar Sharma
Author
11 Jul 2020 02:34 PM
बहुत खूब कहा आपने
ख्यालों की कशमकश में उलझता रहा।
बड़ी मुश्किल से दिल को मनाया फिर चुप रहा।
श़ुक्रिया !