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जिंदगी में बहार तुम्हारे दम से है।
बेक़रार दिल को क़रार तुम्हारे दम से है।
राज़ -ए- उल्फ़त का ज़ाहिर तुम्हारे ख़म से है।
हम दिल तुम पर क्यों हार बैठे ए़़हसास चश्मे नम़ से है।

श़ुक्रिया !

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