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उल्फ़त के आगाज़ में दिले बेताब़ का ये हाल है।
रफ्ता-रफ्ता अंजाम तक पहुंचने पर क्या होगा ?
दीवानगी की हद से गुज़र कर क्या पागल आशिक़ होगा ?

श़ुक्रिया !

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