एक नौसिखिये सी तुकबन्दी आपकी रचनाओ के कथानक तथा प्रस्तुतिकरण की नकल करने के प्रयास से की है। पर शिक्षिका की नीर क्षीर विवेकी तीक्ष्ण बुद्धि की दृष्टि स्वत:विसंगति को इंगित कर देती है जिससे सारा कृतित्व व्यर्थ सा लगने लगता है और अगली बार और फूक फूक कर कदम रखने की प्रेरणा।
क्षमाप्रार्थी है।
वैसे अगर गुगुल पर खोज करेगे तो कटोचता व कचोटता दोनो का ही प्रयोग हुआ है,तत्सम और तद्भव के रूप मे। अन्तिम दो पक्तियो में acrostic भाव लाने हेतु प्रयोग किया था।
एक नौसिखिये सी तुकबन्दी आपकी रचनाओ के कथानक तथा प्रस्तुतिकरण की नकल करने के प्रयास से की है। पर शिक्षिका की नीर क्षीर विवेकी तीक्ष्ण बुद्धि की दृष्टि स्वत:विसंगति को इंगित कर देती है जिससे सारा कृतित्व व्यर्थ सा लगने लगता है और अगली बार और फूक फूक कर कदम रखने की प्रेरणा।
क्षमाप्रार्थी है।
वैसे अगर गुगुल पर खोज करेगे तो कटोचता व कचोटता दोनो का ही प्रयोग हुआ है,तत्सम और तद्भव के रूप मे। अन्तिम दो पक्तियो में acrostic भाव लाने हेतु प्रयोग किया था।
सादर अभिनन्दन