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दिवानगी की आज सारी हदें पार करते हैं ,
आओ बैठकर सुबह – शाम बस बातें करते हैं।

? ख्वाहिशों से भरी हुई रचना ?????

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6 Jul 2020 03:41 PM

धन्यवाद !

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