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अतिसुंदर अंतर्मन के द्वंद की भावपूर्ण प्रस्तुति।

यह सत्य ही कहा है के बचपन में मिले संस्कारों , मूल्यों एवं विचारों का जीवन पर्यंत किसी न किसी रूप में साथ रहता है। जो मानव आचार एवं व्यवहार को प्रभावित करता है।

धन्यवाद !

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