Shyam Sundar Subramanian
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28 Jun 2020 12:51 AM
धन्यवाद !
वर्तमान परिवेश में यह एक सामान्य सी बात हो गई है, अपने को अन्य लोगों से ज्यादा समझना, और दूसरे को हीन भावना से देखने की प्रकृति बढ़ रही है।काश सुधार हो सके, चिन्तन के लिए धन्यवाद।