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सर एक सुझाव है अगर आप इसे अन्यथा ना लें इस कविता में एक लाइन जो आपने लिखी है
माया मोह देह लिप्त जीव भटकता अविनाशी
अविनाशी की जगह बनवासी कर दे तो बहुत ही अच्छी हो जाएगी क्योंकि अविनाशी तो मात्र परमेश्वर ही हैं और परमेश्वर मोह माया में लिख नहीं हो सकते

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