विपक्ष को अपनी सरकार से सवाल करने का अधिकार यदि है तो वह सवाल पुछेंगे,सवाल पुछने पर आपत्ति ठीक नहीं है, आपत्ति सवाल की प्रकृति पर हो सकती है, यदि सवाल अनुचित है तो, उसे आम जन देख सुन रहा है,वह निर्णय करेगा, उचित/अनुचित का भेद, और वही उसका दंड देने में सक्षम है, संपादक भी कभी कभी एक पक्षीय दिखाई देते हैं, लेकिन जनता तय कर लेती है,झूठ-सच क्या है।
प्रणाम, कड़वा लगे तो क्षमा करना ।सादर
विपक्ष को अपनी सरकार से सवाल करने का अधिकार यदि है तो वह सवाल पुछेंगे,सवाल पुछने पर आपत्ति ठीक नहीं है, आपत्ति सवाल की प्रकृति पर हो सकती है, यदि सवाल अनुचित है तो, उसे आम जन देख सुन रहा है,वह निर्णय करेगा, उचित/अनुचित का भेद, और वही उसका दंड देने में सक्षम है, संपादक भी कभी कभी एक पक्षीय दिखाई देते हैं, लेकिन जनता तय कर लेती है,झूठ-सच क्या है।
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