आपने सही कहा है, लेकिन हम जैसे लोग तो सिर्फ़ अपने विचार व्यक्त करने तक ही सीमित हैं, कोई भी निर्णय लेना सरकार के हाथ में है, और सरकार स्वयं उलझन से बाहर नहीं निकल पा रही है, साथ ही यह भी सत्य है कि उसे इतनी ताकत हमारे हुक्मरानों ने ही दी है उसके साथ व्यापार बढा कर, अब बहिष्कार करने से क्या कुछ हो पाएगा, फिर भी कुछ तो करके दिखाया जाना चाहिए, आपकी टिप्पणी के लिए आभार व्यक्त करता हूं।
आपने सही कहा है, लेकिन हम जैसे लोग तो सिर्फ़ अपने विचार व्यक्त करने तक ही सीमित हैं, कोई भी निर्णय लेना सरकार के हाथ में है, और सरकार स्वयं उलझन से बाहर नहीं निकल पा रही है, साथ ही यह भी सत्य है कि उसे इतनी ताकत हमारे हुक्मरानों ने ही दी है उसके साथ व्यापार बढा कर, अब बहिष्कार करने से क्या कुछ हो पाएगा, फिर भी कुछ तो करके दिखाया जाना चाहिए, आपकी टिप्पणी के लिए आभार व्यक्त करता हूं।