Shyam Sundar Subramanian
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18 Jun 2020 05:39 AM
सत्य वचन !
श्याम सुंदर जी, आत्महत्या पर आपका विश्लेषण बहुत ही उपयुक्त है, और इन्ही विषादो के कारण मनुष्य इस नियति को ही समाधान मानकर ऐसा निर्णय ले लेता है, फिर भी एक तरह से वह पूर्णतया दोषी नहीं होता है हालात, परिस्थितियां भी उसे ऐसा करने को प्रेरित करती हैं और समाज उसे उसकी निजता में दखल ना देने के बहाने उसे सहलाने का प्रयास नही करता, और कभी कभी तो उसे जानबूझकर उस ओर धकेलने की चेष्टा भी करता है, ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए जो उकसाने का काम करते हैं।