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महोदय !
आप अगर साहित्यकार्य में हैं, तो सहनशक्ति रखिये, व्यग्रता नहीं !
पहले ठीक से पढ़िए ! मैं तो उसी को कह रहा हूँ, जिसने हिंदी के नाम पर भेदभाव किया ! न्यायालय में बहस तक हिंदी में नहीं हो रही ! आप अपने बच्चे को हिंदी माध्यम के विद्यालयों में पढ़ाते है न ! …..और आप भी भेदभाव कर रहे हैं ! आप ही कौन सी हिंदी का भला कर रहे हैं, अंग्रेजी में अपना परिचय देकर !

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