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मौत का खौफ अब कहां।
सोचा जब मौत से दो-दो हाथ कर ले हम जहां।
जीना होगा तो जी लेंगे चंद दिन ज़िंदादिली से।
जो बेहतर है इस क़दर घुट घुट कर खौफ़ में जीने से।

श़ुक्रिया !

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