यह सत्य है कि देश में शिक्षकों की स्थिति बड़ी ही दयनीय है किन्तु जिन शिक्षकों की आपने चर्चा की है उनके लिए क्या उचित था काल विशेष में हड़ताल करने की?
क्या उन्होंने कभी उन सभी बच्चों के लिए अपना कोई कर्तव्य समझा? एक शिक्षक के लिए शिष्य पुत्रवत नहीं होते हैं क्या? क्षमा कीजिए ! कुछ ऐसे शिक्षकों के कारण सम्पूर्ण शिक्षा गर्तोन्मुग होते जा रहे हैं ।
यह सत्य है कि देश में शिक्षकों की स्थिति बड़ी ही दयनीय है किन्तु जिन शिक्षकों की आपने चर्चा की है उनके लिए क्या उचित था काल विशेष में हड़ताल करने की?
क्या उन्होंने कभी उन सभी बच्चों के लिए अपना कोई कर्तव्य समझा? एक शिक्षक के लिए शिष्य पुत्रवत नहीं होते हैं क्या? क्षमा कीजिए ! कुछ ऐसे शिक्षकों के कारण सम्पूर्ण शिक्षा गर्तोन्मुग होते जा रहे हैं ।
धन्यवाद बन्धु!